What is app development process ? In hindi

App बनाने का Process क्या होता है ?

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किसी भी App को बनाने लिए हमें उसकी Planning, designing, programming, launching आदि करनी पड़ती है। यहां पर किसी Company में एक App बनाने का process क्या होता है, बताया जा रहा है।


1. App बनाने का Idea । 

App बनाने के लिए हमे Idea होना चाहिए की क्यों बनाना है, आम लोगो का क्या फायदा होगा, इसकी सोच क्या होगी। यह सब पता होगा तभी हम App को अच्छे से बनाने की ओर बढ़ सकते है।

सबसे पहले Idea के ऊपर चर्चा होगी। Company के सभी लोग Idea के बारे में अपनी बात रखेंगे। वो चर्चा करेंगे की क्या इससे Company का फायदा भी होगा या नहीं। अगर बिना सोचे idea पर काम होने लगा और बादमें वो idea काम नहीं आया तो Company बहुत नुकसान हो सकता है।

इसलिए एक अच्छा Idea होना बहुत जरूरी होता है।



2. App का Design। 

यहां पर हम UI (User Interface) की बात कर रहे है। यह काम UI Designers करते है। उनका काम यह होता है को app का design simple और modern हो मतलब अच्छा हो। 

अगर App का UI बहुत आसान है चलाना, कोई ज्यादा Clicks नहीं करने पड़ते, आसानी से तुरंत काम हो जाता है तो UI को अच्छा कह सकते है। 

वहीं हमे एक काम को करने के लिए ज्यादा Clicks करने पड़ते है, time waste होता है मतलब UI बेकार है। 

लेकिन app का simple होगा या Complex, ये depend करता है की आप कितना बड़ा काम करता है। Example के लिए, अगर एक Music App है Spotify जैसा तो उसमे कोई भी गाना तुरंत कुछ ही Clicks चलना चाहिए। और गाने ढूंढने में भी आसानी होनी चाहिए।

लेकिन हम जब बात करते है एक Editing app जैसे Canva । तो हम चाहेंगे की, Video, Photo, Design Editing के लिए जितना Simple UI Design हो उतना अच्छा है। क्योंकि इन apps ज्यादा features होते है और सभी features अच्छे से दिखाना Simple नहीं होता है। 

अगर किसी app में ज्यादा features है और कोई Complex task करता है, फिर भी हम उससे बस तीन चार बार Use करते ही समझ जाते है। तो उसका UI अच्छा है।


3. App की Programming। 

App के UI के बाद हम उसकी Programming करते है। Programming से हम चीजों को काम में ला सकते है। यानी एक तरह से UI को जीवित करना हुआ। उसे कैसे काम करना है, कब कोई चीज Open होगी, किसी Click पे क्या होगा यह सब Programming से हम कर सकते है।

Android Development में Java या Kotlin इस्तमाल होती है आमतौर पर। IOS में Swift Programming language इस्तमाल होती आमतौर पर।

वैसे Android, iOS को छोड़, हम Windows, Linux, Mac OS  की बात करे तो हम Java, C, C++, Python को भी ले सकते है। अब इनमे से क्या Choose करना है वो Depend करता है की आप कौनसा App बना रहे। 


4. App की Testing। 

App बनने के बाद, उसकी Testing बहुत जरूरी होती है। इसमें सारे Features को test किया जाता है। हर तरह के Phones में test किया जाता है।

यहां पर हम App की Performance देखते है। अगर Performance हर devices पर अच्छी होती है तो फिर आगे बढ़ा जाता है। अगर खराब होती है तो , उसकी Programming में बदलाव किया जाता है।


5. App की Launching। 

जब सारी Testing पूरी हो जाती है तो उसे platforms पर Launch किया जाता है। 

एक Android App को Playstore पर launch किया जाता है और IOS App को App Store पर launch किया जाता है। वही कोई App तो दोनो ही Platforms पर launch किया जाता है।

लिकन यह तो Mobile के लिए हुआ। वही desktop की बात करें तो कई Apps Windows पर launch की जाती है तो कोई Linux, Mac OS पर।

Launching के बाद App की marketing की जाती है ताकि लोगों तक App की जानकारी पहुंचे। 

लेकिन कितना भी अच्छा app हो उसमें Bugs तो होते ही है। लोग Reviews, feedback की मदद से Bug Report करते है। Bug Reports की मदद से Developer App को और अच्छा बना सकता है।


इस पोस्ट को पढ़ने के लिए धन्यवाद :)

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